जेसा की अप सभी  जानते हो बिजली हमारे लिए कितनी जरूरी हैं सुबह उठने से लेकर रत को सोने के टीम तक हमे बिजली कि जरूरत होती है और हमारे सोने के बाद भी बिजली हमारी जरूरत के लिए चलती रहती है जेसे कि सुबह उठते ही हमें नहाने के लिए गर्म पानी चाहिए , बल्ब जलाने के लिए बी लाइट चाहिए कूलर ,मोटर फ्रीज़ इन सभी के लिए हमे लाइट कि जरूरत है तो आज जानते है कि बिजली बनती केसे और किस तरीके से बिजली को बनाया जाता है जानिए

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तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं बिजली कैसे बनती है और बिजली बनाने के क्या तरीके होते हैं

जैसा की आप सभी को पता है आज के समय में हम बिजली के ऊपर बहुत ज्यादा निर्भर हैं क्योंकि हमारे हर एक बिजली के यंत्र बिजली के बिना नहीं चल सकते जैसे एसी कुलर टीवी फ्रिज और मोबाइल चार्ज करने के लिए भी बिजली चाहिए अगर 1 दिन भी बिजली कट हो जाती है तो हमें बहुत ज्यादा दिक्कत आती है और हमारा सारा काम रुक जाता है आज के समय में लोग अपने घर पर इनवर्टर  भी लग जाते हैं क्योंकि हमारा लाइट के बिना कोई भी काम संभव नहीं है अगर रात के समय में जब खाना बनता है और लाइट चली जाती है तो खाना नहीं बन पाता इसके लिए लोग इनवर्टर का उपयोग करने लगे हैं इससे यह पता लगता हमें की हम चाहे कुछ भी करें लेकिन हमें लाइट की आवश्यकता बहुत जरूरी है आज के समय में फैक्ट्रियां कंपनियां बैंक इत्यादि इन सब को चलाने के लिए भी बिजली की जरूरत होती है अगर बिजली ना हो तो इनका सारा काम रुक जाता है और इन्हें बहुत ज्यादा नुकसान होता है अगर देश दुनिया में बिजली खत्म हो जाए तो सब कुछ खत्म होने की पदार्थ पर आ जाएगा क्योंकि हर जगह अंधेरा ही अंधेरा होगा तो आज हम आपको बिजली के बारे में बताने वाले हैं कि कैसे बिजली बनती है और इस तरीके से बिजली को बनाया जाता है जिसमें प्रकृति का भी बहुत बड़ा योगदान है वायु पानी और सूर्य इनका भी बिजली बनाने में उपयोग होता है तो जानिए बिजली कैसे बनती है और किस तरीके से बिजली को बनाया जाता है 

बिजली कैसे बनती है और बिजली को कैसे बनाया जाता है  जानिए 

बिजली को केसे बनाया जाता है बिजली बनाने के लिए बड़े बड़े यंत्रो का उपयोग किया जाता है और एलिक्ट्रिक जरनैटर का भी उपयोग किया जाता है और बिजली को 2 स्त्रोत से बनाया जाता हैं जानिए वह क्या है 

बिजली कैसे बनती है 

बिजली बनाने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिकल जरनैटर की आवश्यकता होती है इलेक्ट्रिकल जरनैटर एक ऐसी चीज है जो ऊर्जा के एक रूप को बिजली में परिवर्तन करता है और फिर बिजली बनाकर उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है दुनिया में कई तरह के जरनैटर होते हैं लेकिन अधिकतर जरनैटर महान वैज्ञानिक Michael Faraday के द्वारा 1831 मैं की गई खोज पर आधारित है Faraday के अनुसार एक बड़ी चुंबक के बीच में वायर की कॉल को घुमाया जाता है जिससे वायर के अंदर बिजली का फ्लो बनता है हमारे घरों में 240 वोल्ट की बिजली का उपयोग होता है इसलिए हमारे गांव में शहर में ट्रांसफॉर्म लगाए जाते हैं जिससे बिजली का कंट्रोल अच्छे से और नियमित रूप से हमारे घरों तक आ सके क्योंकि हाई वोल्टेज की बिजली आने के कारण हमारे घर के उपकरण जल सकते हैं जिससे हमें बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है बिजली बनाने के कौन-कौन से तरीके हैं 

हमें मिलने वाली बिजली दो स्रोतों से बनी होती है

  1. प्राइमरी स्त्रोत
  2. सेकेंडरी स्त्रोत 

प्राइमरी स्त्रोत – जैसा कि मैंने आपको बताया था कि बिजली बनाने के लिए प्रकृति का बहुत बड़ा योगदान है ऐसे ही बिजली बनाने के लिए हवा, पानी और सूर्य की गर्मी का सीमित रूप में उपयोग किया जाता है क्योंकि इनसे निरंतर उर्जा प्राप्त करना संभव नहीं है 

हवा से बिजली का निर्माण – wind power 

हवा से बिजली का निर्माण करने की विधि को विंड पावर कहा जाता है बहुत तेज आने वाली हवा को ऊर्जा में परिवर्तन कर दिया जाता है जिससे बिजली बनती है इसके लिए बड़े-बड़े विंड पावर के प्लांट बनाए जाते हैं जिससे बिजली  उत्पन्न की जाती है हवा से बिजली बनाने के तरीके में बहुत कम खर्च आता है जिससे हम काफी कम पैसे में बहुत ज्यादा बिजली  को उत्पन्न करते हैं और इसे वायु चक्की भी कहा जाता है आमतौर पर आपको यह राजस्थान में या मुख्य रूप में जैसलमेर में देखने को मिलेंगे क्योंकि जैसलमेर में रेतीली धरती होने के कारण वहां बहुत ज्यादा तेजी से हवाएं बहती है जिसे पवन चक्की घूमती है और इस पवन चक्की को विंड टरबाइन से जोड़ा जाता है और उस टरबाइन में ऊर्जा प्राप्त होती है और उस उर्जा को जरनैटर की मदद से बिजली में परिवर्तन कर दिया जाता है 

सूर्य से बिजली उत्पन्न करना 

सूर्य से बिजली उत्पन्न करने की विधि को ‘’सोलर पावर कहते हैं ‘’ सूर्य से बिजली को उत्पन्न करने में बहुत ही कम दर पर पैसा खर्च होता है क्योंकि सूर्य की रोशनी से व किरणों से बिजली का उद्धार होता हैअगर आपके पास अपने खेत या जमीन है तो आप वहां पर भी सोलर प्लेट लगाकर बिजली को उत्पन्न कर सकते हैं अगर आपके पास नहीं है तो आप अपने घर की छत पर भी रख सकते हैं आजकल सरकार भी इस चीज पर बहुत ज्यादा जोर दे रही है सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग सोलर पावर को यूज करें क्योंकि यह बहुत कम खर्च में हो जाती है जिससे लोगों का खर्च बच जाता है क्योंकि सोलर पावर सूर्य  से आने वाली किरणों को सोलर प्लेट बिजली में परिवर्तन कर देती है जिससे हमारे घर में बिजली आ जाती है और सरकार भारत में बड़े-बड़े सोलर प्लांट लगाकर बिजली का उत्पादन करती है सोलर प्लांट की आने वाली ऊर्जा को जरनैटर के द्वारा बिजली बनाने के बाद उपभोक्ताओं तक पहुंचा दिया जाता है 

पानी से बिजली बनाना

हमारे भारत में पानी से बड़ी मात्रा में बिजली बनाई जाती है पानी से बिजली बनाने के लिए बड़े-बड़े यंत्र लगाए जाते हैं आमतौर पर पानी से बिजली बनाने के लिए बड़ी नदियों और डैम का उपयोग किया जाता है जिससे काफी ज्यादा मात्रा में पानी को इकट्ठा किया जाता है उसके बाद पानी को ऊंचाई से गिराने पर टरबाइन  को  घुमाया जाता है टरबाइन के घूमने से ऊर्जा  का उत्पादन होता है और उस उर्जा को बिजली में परिवर्तन कर दिया जाता है बड़े-बड़े  पहाड़ों पर बर्फ और बरसात के पानी को इकट्ठा किया जाता है जिससे बिजली का उत्पादन कर सकते हैं और इसके लिए अनेक प्रकार के यंत्र थोड़ी जाते हैं 

सेकेंडरी  स्रोत 

पानी और जीवाश्म इंधन जेसे कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस ऊर्जा के सेकेंडरी स्रोत है भारत में इन स्त्रोतों से बड़े स्तर पर बिजली का उत्पादन किया जाता है तो यह कुछ इस प्रकार हैं  जानिए इनके बारे में 

कोयले से बिजली बनाना

कोयले  से भारत में बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन किया जाता है क्योंकि हर्ष में नदियों से पानी को एक मत करो नहीं किया जा सकता इसलिए कोयले के यंत्र को नदी के किनारे पूरी यंत्रों से कोयले की मदद से पानी को गर्म किया जाता है और और उसके तापमान से बिजली को उत्पन्न किया जाता है कोयले की मदद से नदी के पानी को गर्म करके उससे उड़ने वाली बाप को टरबाइन में घुमाया जाता है जिस से बिजली उत्पन्न होती है और कोई नहीं चाहिए पानी को गर्म करने पर पानी का तापमान 500 से 1000 डिग्री तक होता है उसके बाद कोयले की मुद्दत से पानी को गर्म करके हाफ में बदल दिया जाता है और उस भाग को फिर से ठंडा करके पानी बना दिया जाता है और उसको खेतों के अंदर सिंचाई के लिए छोड़ दिया जाता है या फिर लहरों में छोड़ दिया जाता है इस तरीके से पानी को बार-बार उपयोग करने से बिजली को बनाया जाता है इस तरीके से बिजली बनाने में कोयले का बहुत बड़ा रोल है

नेचुरल गैस से बिजली बनाना

नेचुरल गैस से बिजली बनाने के लिए कोयले की पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कोयले की मदद से और यंत्रों के द्वारा पानी को गर्म करके बिजली का उत्पाद होता है और उसके बाद उससे उठने वाली  भाप  को टरबाइन में घुमाया जाता है और उसके बाद फिर से उसे ठंडे पानी में बदल दिया जाता है  और फिर से इस तरह उस पानी को कई बार इस्तेमाल किया जाता है 

डीजल से बिजली बनाना

आमतौर पर डीजल से बिजली बनाने के लिए जरनैटर का उपयोग किया जाता है जैसे कि आपने देखा होगा कि आपके आस पड़ोस में जब शादी का प्रोग्राम होता है उसमें जरनैटर को चलाने के लिए उसमें डीजल डाला जाता है जिससे जरनैटर बिजली का उत्पादन करता है क्योंकि जनरेटर के अंदर एक ऐसी मोटर लगी होती है जिससे वह बिजली का उत्पादन करता है डीजल से चलने वाले जरनैटर कई प्रकार के होते हैं 1 हॉर्स पावर वाला होता है जिस से अधिक बिजली का उत्पादन करते हैं और  दूसरा कम हो उस पार वाला जनरेटर उससे कम बिजली का उत्पादन करते हैं 

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Conclusion आशा है कि इस आर्टिकल में आपने बिजली कैसे बनती है और बिजली बनाने के क्या तरीके हैं के बारे में अधिक से अधिक जानकारी सीखने को मिली होगी. आगे भी हम इसी प्रकार की जानकारी आप तक पहुंचाते रहेंगे इसलिए अपने ज्ञान को बढ़ाते रहिए और इस वेबसाइट पर बार-बार विजिट करते रहिए अगर आप कोई सुझाव देना चाहते हैं या चाहते हैं कि किसी विशेष विषय पर आर्टिकल पब्लिश करें तो आप हमें कमेंट सेक्शन में बताएं. 

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